जन्माष्टमी पर चमत्कार: गंभीर हादसे में घायल जब
Share

    • न्यूरोलॉजिस्ट डॉ पीयूष जायसवाल ने घायल युवक की बचाई जान

भगवान कृष्ण की कृपा से कृष्णा सरोज की बची जान

न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर पीयूष जायसवाल का अथक प्रयास रंग लाया

डे समाचार डेस्क, भदोही


भदोही, 19 अगस्त। जन्माष्टमी पर जन्मे 17 वर्षीय कृष्णा सरोज का यह जन्मदिन इस बार बेहद संकटपूर्ण बन गया। शनिवार को भदोही-लुंबिनी मार्ग, नेशनल हाईवे, बभनौटी बाजार में बाइक को ओवरटेक करते समय कृष्णा सड़क के डिवाइडर से टकरा गए और गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय चिकित्सालय में प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें वेंटिलेटर की आवश्यकता बताकर वाराणसी रेफर कर दिया गया। परिवार की चिंता चरम पर थी, क्योंकि यह उनका इकलौता बेटा है।

डॉ. पीयूष जायसवाल का अथक प्रयास

परिवार को पता चला कि डॉ. पीयूष जायसवाल, एम्स प्रशिक्षित न्यूरोलॉजिस्ट, भदोही के वरदान हॉस्पिटल में 24 घंटे उपलब्ध हैं, उन्होंने तुरंत कृष्णा को वहां पहुंचाया। डॉ. पीयूष जायसवाल और उनकी टीम ने तत्काल कार्रवाई की। उनके कुशल नेतृत्व और विशेषज्ञता के कारण वेंटिलेटर की आवश्यकता नहीं पड़ी और कृष्णा जल्दी ही होश में आ गए।

परिजनों की उम्मीद को डॉ पीयूष ने रखा कायम

परिवार को राहत माता-पिता, पूनम और धर्मेंद्र, जो गुजरात में रहते हैं, अपने इकलौते बेटे की चोट देखकर अत्यंत व्यथित थे। माता पूनम रो-रो कर परेशान थीं जबकि पिता धर्मेंद्र बेटे की सुरक्षा के लिए रेलवे काउंटर पर लंबी वेटिंग के बावजूद चिंतित रहे। लेकिन डॉ. पीयूष जायसवाल और अस्पताल प्रशासन की कुशल देखभाल ने पूरे परिवार को संकट से बाहर निकाल दिया।

न्यूरो के अच्छे चिकित्सक पीयूष जायसवाल

स्थानीय लोग भी डॉ. पीयूष जायसवाल को “भदोही का वरदान” कहकर सम्मान दे रहे हैं। उनके अनुभव, कुशल नेतृत्व और मानवता की सेवा ने इस जन्माष्टमी को कृष्णा और उनके परिवार के लिए यादगार बना दिया। न्यूरोलॉजी विभाग के बेहतरीन चिकित्सक डॉ. पीयूष जायसवाल ने न केवल पेशेवर क्षमता दिखाई बल्कि न्यूरोलॉजी विभाग के बेहतरीन चिकित्सक होने का सबूत देते हुए एक परिवार की खुशियों को बचाया। जन्माष्टमी के इस दिन ने डरावनी शुरुआत को चमत्कारी मोड़ में बदल दिया।

 

 

      रिपोर्ट: मोनू मिश्र, मोढ


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *