किसानों की ड्रोन और नैनो क्रांति से बदलेगी किस्मतकिसानों की ड्रोन और नैनो क्रांति से बदलेगी किस्मत
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किसानों की ड्रोन और नैनो क्रांति से बदलेगी किस्मत

इफको ने नैनो उर्वरक और ड्रोन के बारे में किसानों को किया जागरूक

खेती की कम हो जाएगी लागत, किसानों का बचेगा श्रम, समय और पैसा

डे समाचार डेस्क, भदोही


भदोही,14 सितंबर । कृषि में ड्रोन की तकनीकी एक नई क्रांति लेकर आयी है। हालांकि इससे जहाँ श्रम की बचत होगी वहीं खेती महंगी हो जाएगी। लेकिन सरकार खेती में किसानों की लागत घटना चाहती है।

किसानों की ड्रोन और नैनो क्रांति से बदलेगी किस्मत
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इफकों के क्षेत्रीय अधिकारी विमल कुमार जायसवाल जिले के सागररायपुर में किसानों से नैनो-यूरिया और नैनो डीएपी अधिक से अधिक प्रयोग बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में नैनो और ड्रोन तकनीक वरदान है। किसान इनका प्रयोग कर श्रम, समय और पैसा सभी की बचत कर सकता है।

किसानो को नैनो डीएपी एवं नैनो यूरिया प्लस के प्रयोग विधि एवं लाभ के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि नैनो डीएपी के 05 मिलीलीटर प्रति किलोग्राम की दर से बीज शोधन एवं 05 मिलीलीटर प्रति लीटर के दर से जड़ शोधन करने के बाद आधा घंटा सुखाए उसके बाद बुवाई एवं रोपाई कर दे। जब फसल में पत्तियां आ जाए तो नैनो यूरिया प्लस या नैनो डीएपी एवं नैनो यूरिया प्लस का एक साथ 04 मिलीलीटर या लीटर के दर से पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

किसानों से उन्होंने कहा कि जब आप दूसरी बार यूरिया की टापड्रेसिंग में किसान भाई दानेदार यूरिया के स्थान पर नैनो यूरिया का छिड़काव पत्तियों पर करे और यदि धान की फसल में जिंक की कमी के लक्षण दिख रहे है तो नैनो यूरिया के साथ नैनो जिंक 1-2 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव कर सकते है ।नैनो उर्वरकों के प्रयोग से कृषकों के लागत में भी कमी आएगी साथ ही यूरिया एवं डीएपी के अत्याधिक प्रयोग से जल, मृदा एवं पर्यावरण को खतरा बढ़ गया है।

आगामी रबी सीजन में किसान मुख्य फसलों गेहूं, सरसों, आलू, चना ,मटर में नैनो डीएपी से बीज शोधित कर बुवाई करे एवं दानेदार डीएपी की मात्रा आधी प्रयोग करें। नैनो डीएपी 500 मिलीलीटर की बोतल से 100 किलोग्राम बीज को शोधित कर सकते है एवं मात्र 600 रूपये की है जो कि दानेदार डीएपी से काफी सस्ता है। नैनो डीएपी के प्रयोग से लागत में कमी आएगी साथ ही उत्पादन के साथ उत्पाद की गुणवत्ता भी बढ़ती है।

इफको डेलीगेट ने कृषकों को संतुलित मात्रा में उर्वरक उपयोग के साथ नैनो तकनीक पर आधारित नैनो यूरिया प्लस, नैनो डीएपी एवं नैनो जिंक के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित किया गया एवं दानेदार उर्वरकों पर भारत सरकार द्वारा दी जा रही भारी भरकम सब्सिडी से भी अवगत कराया गया।

प्रगतिशील किसान चंद्रेश्वर नारायण द्वारा नैनो उर्वरकों के परिणाम को लेकर अपना अनुभव भी साझा किया गया जिसमें नैनो डीएपी एवं नैनो यूरिया प्लस का प्रयोग गेहूं एवं धान की फसल में किया गया था इससे लागत में कमी के साथ उत्पादन भी अधिक हुआ था। कार्यक्रम के उपरान्त किसान रामनरेश के धान की फसल में नैनो उर्वरकों का प्रदर्शन ड्रोन के माध्यम से सभी कृषकों की उपस्थिति में किया गया।


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