भागवत कथा ही कृष्ण है और कृष्ण ही भागवत हैं: पंडित विष्णूकान्त शास्त्री भागवत कथा ही कृष्ण है और कृष्ण ही भागवत हैं: पंडित विष्णूकान्त शास्त्री 
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भागवत कथा ही कृष्ण है और कृष्ण ही भागवत हैं: पंडित विष्णूकान्त शास्त्री

भागवत कथा मनुष्य की इच्छाओं की पूर्ति करती है

डे समाचार डेस्क, भदोही


भदोही (औराई) 16 सितंबर। श्रीमद भागवत कथा मनुष्य की सभी इच्छाओं को पूरा करती है। यह कल्पवृक्ष के समान है। भागवत कथा ही साक्षात कृष्ण है और जो कृष्ण है, वही साक्षात भागवत है। भागवत कथा भक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है।

औराई विकास खंड क्षेत्र के कैयरमऊ दीनानाथपुर गांव में धनेश मिश्रा के निज आवास पर चल रहे श्रीमद्भागवत कथा में कथा वाचक पं विष्णूकान्त शास्त्री जी महाराज ने कहा कि कथा व्यास ने पांडवों के जीवन में होने वाली श्रीकृष्ण की कृपा को बड़े ही सुंदर ढंग से दर्शाया। महाराज ने कहा कि भक्ति एक ऐसा उत्तम निवेश है, जो जीवन में परेशानियों का उत्तम समाधान देती है। साथ ही जीवन के बाद मोक्ष भी सुनिश्चित करती।

भगवान की कृपा से ही भक्त का कल्याण संभव है। पंडित विष्णूकान्त शास्त्री महाराज ने भक्ति और भक्त के बारे में विस्तार से बताया। महाराज ने कहा कि जीवन यापन करने में भक्ति तथा धन का संचय करना बहुत जरूरी है। भगवान की कृपा से ही भक्ति प्राप्त होती है क्योकि भगवान की कृपा के बिना भक्ति और मोक्ष की कल्पना करना ही बेकार है। पं विष्णूकान्त शास्त्री महाराज जी ने कहा कि भगवान की भक्ति सच्चे मन से करने पर ही भगवान की प्राप्ति हो जाती है। और भगवान की कृपा केवल उन्ही पर होती है जो सच्चे मन से और निश्चल भाव से भक्ति करते है। इस मौके राजनाथ मिश्रा सेठ, कृपाशंकर मिश्रा ( मिठाई मिश्रा), राजकुमार मिश्रा, अजय मिश्रा, शिवदयाल मिश्रा, मठोरी सिंह, राकेश तिवारी सहित बड़ी संख्या में भागवत कथा श्रोता मौजूद रहे।

 

 

 

रिपोर्ट: प्रदीप दुबे, औराई


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