श्रीमद्भागवत महापुराण कलयुग में मोक्ष का मार्ग : श्याम मुरारी
श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ कथा में भक्ति की गंगा
डे समाचार डेस्क, भदोही
भदोही/सीतामढ़ी 16 सितंबर। सीतामढ़ी के बारीपुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का दूसरा दिन कथा वाचक श्याम मुरारी जी महाराज ने भक्ति और श्रद्धा से सराबोर रहा। कथा व्यास आचार्य महाराज ने इस अवसर पर सुत-शौनक संवाद, श्रीशुकदेव जी महाराज का आगमन तथा कपिलोपाख्यान की दिव्य कथा का वर्णन कर भक्तों को आत्मिक आनंद प्रदान किया।

प्रातःकाल से ही श्रद्धालु कथा स्थल पर जुटने लगे। मंडप में गूंजते भजनों और मंगलाचरण ने वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया। कथा व्यास ने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण कलियुग में जीवों के लिए मोक्ष का सरल मार्ग है। इसकी कथा श्रवण करने से जीवन में शांति और धर्म की स्थापना होती है। उन्होंने बताया कि सुत और शौनक मुनियों का संवाद मानव जीवन में सत्संग और ज्ञान के महत्व को दर्शाता है।
कथा में श्रीशुकदेव जी महाराज के आगमन का प्रसंग सुनाते हुए आचार्य जी ने कहा कि जब महर्षि शुकदेव ने राजा परीक्षित को श्रीमद्भागवत का उपदेश दिया, तब उनका केवल एक ही उद्देश्य था—राजा को सांसारिक मोह से मुक्त कर भगवान की शरण में लाना। इस प्रसंग ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इसके साथ ही कपिलोपाख्यान की कथा का विस्तार से वर्णन किया गया। आचार्य जी ने कहा कि कपिल भगवान ने अपनी माता देवहूति को सांख्य योग का उपदेश देकर संसार में विवेक और आत्मज्ञान का प्रकाश फैलाया। यह कथा सुनकर उपस्थित श्रोताओं ने जीवन में ज्ञान, भक्ति और वैराग्य अपनाने का संकल्प लिया।
कथा स्थल पर भारी भीड़ रही। महिला-पुरुष श्रद्धालु बड़ी श्रद्धा और अनुशासन के साथ कथा का श्रवण करते दिखाई दिए। कई श्रद्धालु भावविभोर होकर भजन गुनगुनाने लगे। आयोजन समिति की ओर से श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद और भंडारे की व्यवस्था की गई थी।
दूसरे दिन की कथा ने जहां भक्तों को अध्यात्म का अमृत पिलाया, वहीं पूरे क्षेत्र का वातावरण भी भक्ति रस से सरोबार हो गया। आने वाले दिनों में कथा में और भी विशेष प्रसंग सुनाए जाएंगे, जिसके लिए श्रद्धालुओं में गहरी उत्सुकता बनी हुई है। इस मौके पर पूर्व सांसद भाजपा नेता गोरखनाथ पाण्डेय राजा तिवारी महावीर यादव रिंकू दुबे केवला शंकर दुबे विनोद शुक्ला रुद्रपति दुबे श्रवण टिंकू शुक्ला मुन्ना शुक्ला ओम प्रकाश तिवारी आदि।
रिपोर्ट: गिरीश पाण्डेय