भदोही-मिर्जापुर और वाराणसी
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  • भदोही-मिर्जापुर और वाराणसी देश के प्रमुख कारपेट क्लस्टर : योगी
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया 49वें इंडिया कारपेट एक्सपो का किया शुभारंभ
  • भदोही की कालीन हुई विश्व विख्यात 88 देशों के 300 बायर्स पहुँचे कालीन नगरी
  • काशी नरेश महाविद्यालय जल्द ही बनेगा विश्वविद्यालय

डे समाचार डेस्क, भदोही

भदोही, 11 अक्टूबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार कालीन नगरी भदोही में 49वें इंडिया कारपेट एक्सपो का उद्घाटन फीता काट कर किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भदोही, मिर्जापुर और वाराणसी देश के प्रमुख कारपेट क्लस्टर हैं। जिन्होंने न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश को वैश्विक पहचान दिलाई है।

कालीन उद्योग लाखों परिवारों की आजीविका का आधार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे प्रोत्साहित करने के लिए ‘इंडिया एक्सपो मार्ट’ की स्थापना कराई। इसका उद्देश्य था कि यहां के बुनकरों को विश्व बाजार से सीधा जोड़ने का अवसर मिले।

चार दिवसीय यह आयोजन 11 से 14 अक्टूबर तक कारपेट एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (CEPC) के तत्वावधान में इंडिया एक्सपो मार्ट परिसर में शुरू हुआ है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बुनकरों और उद्यमियों से संवाद किया। उनकी समस्याएँ जानीं और केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं के लाभ से उन्हें अवगत कराया।

भदोही-मिर्जापुर और वाराणसी

उन्होंने बताया कि पिछले चार वर्षों से लगातार आयोजित हो रहे इस आयोजन ने हैंडमेड कालीनों के वैश्विक व्यापार में उत्तर प्रदेश को नई पहचान दिलाई है। अब विदेशी खरीदार सीधे भदोही आते हैं, यहीं के बुनकरों से संवाद करते हैं और यहीं से निर्यात के अनुबंध संपन्न होते हैं यह भदोही के गौरव की बात है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार परंपरागत उद्योगों को पुनर्जीवित करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। वर्ष 2018 में शुरू हुई वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) योजना इसी दिशा का बड़ा कदम थी। उन्होंने बताया कि भदोही के कालीन उद्योग को ODOP योजना में शामिल कर विशेष सुविधाएं दी गईं।

उन्होंने कहा कि “प्रदेश में जो भी पारंपरिक शिल्पकार या बुनकर कार्य कर रहे हैं, सरकार उन्हें सामाजिक सुरक्षा, प्रशिक्षण, डिज़ाइन और ब्रांडिंग में सहयोग दे रही है। हर पंजीकृत बुनकर को 5 लाख रुपये की सुरक्षा गारंटी दी गई है,” उन्होंने बताया कि सरकार लगातार तकनीक और बाजार की माँग के अनुसार डिज़ाइन नवाचार पर बल दे रही है ताकि उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़े।

मुख्यमंत्री योगी ने केंद्र सरकार के हालिया जीएसटी सुधारों को व्यापार और उद्योग जगत के लिए ऐतिहासिक बताया। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार के इंडिया कारपेट एक्सपो में 88 देशों से 300 से अधिक विदेशी खरीदार शामिल हुए हैं। यह अब तक की सबसे बड़ी भागीदारी है। आज जो दृश्य भदोही में है, वह दस वर्ष पहले कोई सोच भी नहीं सकता था। विदेशी खरीदार अब सीधे भदोही आकर स्थानीय बुनकरों से व्यापार कर रहे हैं। यह आत्मनिर्भर भारत की भावना का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों ने भारत को वैश्विक व्यापार के लिए आकर्षक गंतव्य बनाया है। भारत सरकार ने हाल के वर्षों में यूएई और यूके सहित कई देशों से व्यापारिक समझौते कर निर्यात संभावनाओं को और मजबूत किया है।

मुख्यमंत्री ने भदोही के शैक्षणिक विकास का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि काशी नरेश कॉलेज को विश्वविद्यालय के रूप में विकसित करने की दिशा में काम शुरू हो चुका है। इससे क्षेत्र के युवाओं को उच्च शिक्षा के साथ-साथ रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण भी मिलेगा। यह विश्वविद्यालय कारपेट क्लस्टर को कुशल जनशक्ति उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि भदोही न केवल कालीन उद्योग का केंद्र बने, बल्कि कौशल और तकनीकी नवाचार का भी हब बने।

 

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भदोही की कालीन केवल एक उत्पाद नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है। यह उद्योग सदियों पुरानी विरासत का संवाहक है। यहां के बुनकरों की मेहनत, कौशल और कला ही भदोही की पहचान है। एक्सपो जैसे आयोजन इस विरासत को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठा दिला रहे हैं। भदोही की कालीन भारत की सांस्कृतिक पहचान मुख्यमंत्री ने सभी विदेशी प्रतिनिधियों, बुनकरों और आयोजकों का स्वागत करते हुए कहा कि यह आयोजन उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर और सशक्त बनाएगा।


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