चंद्र ग्रहण 2025 : आचार्य पंडित अमित दुबे के अनुसार सूतक, ग्रहण काल और गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानियाँ
7 सितंबर रविवार की रात से शुरू होकर 8 सितंबर सोमवार को तड़के समाप्त होगा
2025 का चंद्र ग्रहण : कब लगेगा, कहाँ दिखेगा और क्या होंगी धार्मिक मान्यताएँ
डे समाचार डेस्क, भदोही/अजय शुक्ला
भदोही। 2025 का पहला चंद्र ग्रहण विशेष धार्मिक महत्व रखता है। आचार्य पंडित अमित दुबे के अनुसार इस ग्रहण का सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से प्रारंभ होगा और ग्रहण की समाप्ति अगले दिन प्रातः तक मानी जाएगी। 7 सितंबर रविवार की रात से शुरू होकर 8 सितंबर सोमवार को तड़के समाप्त होगा
चंद्र ग्रहण का समय (भारतीय समयानुसार)
12:57 दोपहर – सूतक प्रारंभ
09:57 रात्रि – ग्रहण स्पर्श
11:41 रात्रि – ग्रहण मध्य
01:56 रात्रि – ग्रहण मोक्ष
लायंस क्लब ज्ञानपुर ने शिक्षक दिवस पर शिक्षकों का किया सम्मान
कहाँ दिखाई देगा ग्रहण
यह चंद्र ग्रहण भारत, एशिया, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के अधिकांश हिस्सों से देखा जा सकेगा।
धार्मिक मान्यताएँ
ग्रहण काल में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं।
इस अवधि में पूजा-पाठ, अन्न व जल का सेवन वर्जित माना गया है।
ग्रहण काल में मंत्र जाप, भजन-कीर्तन और ध्यान को शुभ और फलदायी माना जाता है।
ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान और शुद्धिकरण कर भगवान का पूजन करना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सावधानियाँ
- हिंदू मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण का असर गर्भवती महिलाओं और उनके गर्भस्थ शिशु पर भी पड़ सकता है। इसलिए प्राचीन परंपराओं में कुछ विशेष सावधानियाँ बताई गई हैं
- ग्रहण के दौरान तेज धारदार वस्तुओं (चाकू, कैंची, सुई आदि) का प्रयोग न करें।
- ग्रहण काल में सोना या लेटना वर्जित माना जाता है।
- गर्भवती महिलाएँ ग्रहण के समय मंत्र जाप और भजन-कीर्तन करें।
- पेट पर कुशा, तुलसी या दुर्वा घास रखने की परंपरा भी है, जिससे ग्रहण का नकारात्मक असर कम होता है।
सारांश
यह चंद्र ग्रहण धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। सूतक काल से लेकर मोक्ष तक भक्तजन मंदिरों में पूजा-पाठ नहीं करेंगे, बल्कि भजन और मंत्र जप पर ध्यान देंगे। गर्भवती महिलाओं को परंपरागत सावधानियाँ अपनाने की सलाह दी जाती है।
समाप्त…